हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निश्चित रूप से विद्वान पैगंबर (स.अ.व.व.) के उत्तराधिकारी हैं। विद्वानो का जीवन पैगंबरो की ज्ञानी धरोहर को तकसीम करने मे व्यतीत होता है। वो अपने ज्ञान के खजाने से अज्ञान के अंधेरे को रोशन करते हैं और अंधेरे रास्तों पर चलने वालों के मार्गदर्शन में अपनी मंजिल को गले लगाते हैं। जहा उनका अस्तित्व उम्मत के लिए बीश बहा और कीमती है वही उनकी मौत से बहुत बड़ा नुकसान और अंतराल उत्पन्न हो जाता है जो लंबे समय तक महसूस किया जाता है, क्योंकि विद्वानों के जाने से दुनिया वास्तव में ज्ञान का अभाव है, जिसका प्रकाश उनके अस्तित्व से चमकता है, जिससे तौहीद और सुन्नते पैगंबर (स.अ.व.व.) का बोल बाला होता है। और अविश्वास, बहुदेववाद और नवाचार का अंधेरा दूर हो जाता है।
आज हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना मशरक़ैन अब्बास गोरी खालसा, क़ुम निवासी के निधन की खबर ने मेरे दिल को हिला दिया। इस बात का इजहार हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद मनाज़िर हुसैन नकवी ने बड़े अफसोस के साथ व्यक्त।
उन्होंने कहा कि दिवंगत बहुत अच्छे इंसान थे और जब भी वे उनसे मिलते थे तो उनके साथ अच्छे व्यवहार और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाता था। मरहूम अखलाके मोहम्मदी के साथ साथ अरबी ग्रामर पर महारत रखते थे। इस क़हतुर रिजाल के युग में मौलाना के निधन की त्रासदी राष्ट्र के लिए एक क्षति है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
मै अपने खालिक और मालिक की बारगाह मे दुआ करता हूं कि प्रभु स्वर्गीय मौलाना मशरक़ैन साहब के दरजात को बुलंद करें और उनके वंशजों, विशेषकर उनके बड़े भाई मौलाना सक़लैन अब्बास साहब को धैर्य प्रदान करें। आमीन।
शरीके ग़म
मौलाना सैयद मनाज़िर हुसैन नकवी
मशहद निवासी